वैसे तो हर दौर में भारतीय केंद्रीय एजेंसियों पर पक्षपात और सत्ता के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते आ रहा है मगर मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की सरकार मोदी हुकूमत में लगातार ईडी और सीबीआई की सक्रियता एवं विपक्षी खेमा के नेताओं के घरों पर लगातार हो रही छापेमारी से फिर से एक बार ये बहस जोरों पर है क्या केंद्र एजेंसियां खासकर सीबीआई और ईडी मोदी सरकार के इशारे पर काम कर रही है! चाहे विपक्ष के कोई भी नेता हो जब भी मोदी सरकार के विरुद्ध कड़ी प्रतिस्पर्धा,मजबूत दावेदारी एवं विपक्ष को एक करने की बात करते हुए नजर आए हैं ऐसे स्थिति में केंद्र एजेंसियों की सक्रियता उन तमाम नेताओं के खिलाफ बढ़ती हुए नजर आई हैं पिछले कुछ दिनों में नेताओं के घरों में छापेमारी और उनकी आवाज को दबाने की भरपुर कोशिश की गई ऐसे में एजेंसियों की पारदर्शिता और सरकार की रवैया पर सवाल उठना लाज़मी है हाल के कुछ दिनों में सीबीआई एवं ईडी द्वारा की गई करवाई में से पंजाब कांग्रेस से जुड़े पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है। उन पर भी मुख्यमंत्री रहने के दौरान भ्रष्टाचार करने के आरोप हैं। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल से विधायक और लालू-राबड़ी देवी के करीबी आवास और कई ठिकानों पर छापेमारी की गई है। ईडी छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के नेता विनोद तिवारी को दफ्तर बुलाकर दस घंटे तक पूछताछ की गई। यह तो महज चंद उदाहरण हैं, यदि संपूर्णता में इसे देखें तो इनकी संख्या सैकड़ों नहीं, हजारों में है जिन पर ईडी, सीबीआई के छापे पिछले कुछ वर्षों में डाले जा चुके हैं। विपक्ष इसी को मुद्दा बनाकर जनता के सामने पेश कर रहा है विपक्ष के नेताओं का मानना है मौजूदा सरकार हीन भावना से प्रेरित होकर अपने विरोधियों पर ईडी ओर सीबीआई के सहारे करवाई कर रहा है जो की लोकतंत्र की हत्या है विपक्ष कई नामों में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदुरप्पा के अलावा कई और नेताओं का नाम लेकर भाजपा पर प्रहार करते हैं कि कांग्रेस में जब तक ऐसे व्यक्ति थे, तब तक भाजपा ने इनपर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए गए थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने दल बदला, उनकी छवि सुधर गई और ये पाक-साफ होकर भाजपा के सर्वप्रिय व सम्मानित नेता बन गए। क्या भाजपा गंगा नदी जैसी स्वच्छ और पवित्र पार्टी है कि कोई व्यक्ति उसमें डुबकी लगाते ही दोषमुक्त हो जाता है? लालू यादव ट्वीट में कहते है, हमने आपातकाल का काला दौर भी देखा है। हमने वह लड़ाई भी लड़ी थी। आधारहीन प्रतिशोधात्मक मामलों में आज मेरी बेटियों, नन्हें-मुन्ने नातियों और गर्भवती पुत्रवधू को भाजपाई ईडी ने 15 घंटों से बैठा रखा है। क्या इतने निम्नस्तर पर उतरकर भाजपा हमसे राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘मोदी सरकार, विपक्षी नेताओं पर ईडी-सीबीआई का दुरुपयोग कर लोकतंत्र की हत्या का कुत्सित प्रयास कर रही है।’ खरगे ने कहा कि जब देश से भगोड़े करोड़ों लेकर भागे, तब मोदी सरकार की एजेंसियां कहां थीं? जब परम मित्र की संपत्ति आसमान छूती है, तो जांच क्यों नहीं होती? इस तानाशाही का जनता मुंहतोड़ जवाब देगी। अब पानी सिर के ऊपर से चला गया है। कांग्रेस हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने का बाद से भाजपा सरकार और विशेषरूप से प्रधानमंत्री पर आक्रामक है।
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क्या केंद्र एजेंसियां खासकर सीबीआई और ईडी मोदी सरकार के इशारे पर काम कर रही है!
केंद्र एजेंसियों की सक्रियता उन तमाम नेताओं के खिलाफ बढ़ती हुए नजर आई हैं पिछले कुछ दिनों में नेताओं के घरों में छापेमारी और उनकी आवाज को दबाने की भरपुर कोशिश की गई ऐसे में एजेंसियों की पारदर्शिता और सरकार की रवैया पर सवाल उठना लाज़मी है