2024 के लोकसभा चुनाव में क्या होगा उत्तर प्रदेश का राजनीतिक समीकरण जैसे, जैसे 2024 लोकसभा चुनाव करीब आते जा रहे हैं वैसे, वैसे राजनीतिक पार्टियों की गतिविधि, मीडिया में अटकलें और आम लोगों का राजनीति को लेकर सरगर्मियां बढ़ती नजर आ रही है ऐसे में तमाम राजनेता तथा पक्ष से लेकर विपक्ष तक 2024 को लेकर कहीं कोई चूक ना हो जाए अभी से कमर कसनी शुरू कार दी है मगर इन सब के बीच सबसे अहम और बड़ा सवाल क्या होगा उत्तर परदेश का राजनीतिक समीकरण कौन लहराएगा अपना परचम किस के हिस्से में जाएगा भारत का सब से बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश! कहा जाता है भारतीय राजनीति का दशा एवं दिशा तय करने से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का सफ़र बिहार और उत्तर प्रदेश से हो कर गुजरती है जिन, जीन पार्टियों ने बिहार और उत्तर प्रदेश में अपना परचम लहराया समझो भारतीय राजनीति में अपना परचम लहराया ऐसे में उत्तर प्रदेश खुद 80 सीटों के साथ सरकार बनाने और किसी भी राजनीतिक दल का खेल खराब करने में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है 2019 लोकसभा चुनाव परिणामों की बात की जाए तो मौजूदा केंद्र सरकार भारतीय जनता पार्टी एवं घटक दल सबसे बड़ी दल बनकर उभरी थी जो की 62 सीटों के साथ लगभग 50% वोट लाकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियों की नजर उत्तर प्रदेश की राजनीतिक त समीकरण तथा तमाम गठजोड़ में लगी होई है बात की जाए परदेश की सबसे शक्तिशाली और परमुख्य पार्टियों में से एक समाजवादी पार्टी की तो हाल ही में मैनपुरी से उप–जीतने के बाद कार्यकर्ताओं के बीच में उत्साह का माहौल है कहीं खुद अखिलेश यादव प्रदेश में अलग-अलग यात्राएं और रैलियों में भारतीय जनता पार्टी और मौजूदा योगी सरकार पर तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि आगामी 2024 का लोकसभा इलेक्शन किसके साथ गठबंधन के रूप में लड़ने वाले हैं ये तो भविष्य की कोख लेकिन साफ़ कर दिया की समाजवादी पार्टी गठबंधन के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे वाली है वहीं दूसरी और कांग्रेस भी लगातार राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से अपनी सक्रियता बनाई हुए हैं कार्यकर्ताओं के बीच खासा उत्साह और जोश का माहौल है खुद राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में भारत जरूर यात्रा के दौरान सभी क्षेत्रीय पार्टी को यात्रा में सहयोग और शामिल होने न्योता भी दिया था अखिलेश यादव सहित तमाम विपक्षी नेताओं का सहयोग भी रहा था वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती ने पार्टी को दोबारा से नए सिरे से विस्तार देने की कोशिश और पहली बार उप–चुनाव लड़ने की घोषणा से साफ कर दी की वो इस खेल में पीछे नहीं रहने वाली है हाल ही के एक प्रेस–वार्ता में मायावती ने साफ है कि वह आने वाले लोकसभा चुनाव में है गठजोड़ नहीं करने जा रही है प्रदेश में जातीय समीकरण और अन्य तमाम छोटी-बड़ी पार्टियों को सक्रियता से आने वाला 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर कोई भी दावा करना फिलहाल बहुत जल्दबाजी हो सकता है मगर लोकतंत्र खूबसूरती और सच्चाई यही है की इसमें जनता सर्वोपरि है जब जिसको चाहेगी नेतृत्व का बाग उसकी हाथ में होगी

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